युद्ध जैसे माहौल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक महत्वपूर्ण
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता नई और उभरती हुई तकनीक को बतौर ‘मुख्य चिंता के विषय और ध्यान केंद्रित करने’ वाले मुद्दे के रूप में रखेगी। नई दिल्ली में आयोजित सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति (सीटीसी) की बैठक से इतर इस वैश्विक संस्था की आतंकवाद निरोधी इकाई के प्रमुख डेविड शरिया ने शनिवार को यह बात कही।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शरिया ने इसके साथ ही अपनी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद आतंकवाद के मसले के वैश्विक समाधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह एक ‘खूबसूरत चीज’ है।
शरिया ने कहा कि बैठक के बाद अपनाई जाने वाली घोषणा सीटीसी और उसके कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) इन मुद्दों से कैसे निपटेगी, इस बारे में विवरण प्रदान करेगी।
शरिया ने कहा, ‘हम पहले से ही देख रहे हैं कि आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के खतरे के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भागीदारी बहुत उच्च स्तर पर है। यह अपने आप में (दिल्ली में आयोजित) इस बैठक की एक बड़ी उपलब्धि है।’
उन्होंने कहा, ‘इस बैठक में तैयार होने वाला दस्तावेज आतंकवाद विरोधी समुदाय के लिए एक बहुत स्पष्ट कार्य योजना तैयार करेगा कि वे कौन सी गतिविधियां करेंगे, वे क्या प्रतिबद्धताएं जताएंगे और सदस्य देशों की वे कैसे मदद करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘भारत के बारे में खूबसूरत चीजों में से एक यह है कि यह खुद को आतंकवाद का शिकार बताने से बाहर निकल गया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए मार्ग प्रशस्त किया… चिंता के तीन क्षेत्रों की पहचान की और परिषद के 15 सदस्यों को एक साथ लाया… जो भारत और सभी देशों की मदद करेगा।’
वहीं आतंकवाद रोधी समिति की इस बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को साफ तौर से पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है। जयशंकर ने आतंकवाद को मानवता के लिए ‘सबसे गंभीर खतरों में से एक’ बताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले दो दशकों में आतंकवाद से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित महत्वपूर्ण संरचना विकसित की है।’ उन्होंने कहा, ‘यह उन देशों को आगाह करने के लिए बहुत प्रभावी रही है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।’
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति (सीटीसी) की दो दिवसीय बैठक मुंबई और नई दिल्ली में हुई। इस बैठक में आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट, नयी भुगतान प्रणालियों और ड्रोनों के उपयोग से निपटने के तौर-तरीकों पर विचार किया गया।
[आईएएनएस इनपुट के साथ]
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