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पीटीआई प्रबंधन की निगरानी

पीटीआई प्रबंधन पत्रकारों की गतिविधियों को ट्रैक करना चाहता था? पहचान पत्र में जीपीआरएस...

एम आर मिश्रा के हस्ताक्षर किये हुए इस परिपत्र में कहा गया है कि पीटीआई के नयी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद...
चिदम्बरम की तीन बड़ी गलतियाँ!

जम्मू-कश्मीर : चिदंबरम की तीन बड़ी गलतियाँ!

पी चिदंबरम ने धारा 370 एवँ धारा 370 से 370 (आई) को अपने लेख में एक बताया, ये तीन में से पहली गलती है। कांग्रेस...
कांग्रेस कर्नाटक का चुनाव कैसे हारी!

कांग्रेस कर्नाटक का चुनाव कैसे हारी!

कांग्रेस को समाजवाद का मुख्य संदेश छोड़ना और पहचान राजनीति को अपने डीएनए से बाहर निकालना होगा अनिष्ट-संकेत थे और पूर्व चिह्न भी थे। तीन...

सीपीआई (एम) ने फिर से दलित नेताओं को अपने उच्चतम निर्णय लेने वाले बॉडी...

सीपीआई(एम) ने कभी भी अपने पोलीटब्युरो में किसी दलित नेता को जगह नहीं दी है। फिर एक बार सीपीआई(एम) ने एक और मौका गवा...

कठुआ की उलझी और लम्बी कहानियाँ उजागर हो गईं!

सत्य जो भी हो, यदि कभी उसकी पुष्टि हुई तो, एक बात तो साफ है कि यह मुद्दा मुस्लिम बहुमतीय कश्मीर और हिंदू बहुमतीय...

कावेरी मुद्दे पर डीएमके की घटिया महत्वाकांक्षाएँ

डीएमके, जो केंद्र की सत्ता में साझेदार रही, ने तमिलनाडु के लिए कावेरी पानी पाने के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया। अब सत्य खुलकर सामने...

आंध्रप्रदेश को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा ना प्रदान करने के पीछे सत्य

एनडीए सरकार ने आंध्र प्रदेश को "विशेष स्थिति" श्रेणी का वादा किया था, लेकिन यह 14 वें वित्त आयोग के प्रभावी होने से पहले...

भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी तक पहुँचाने वाला काला अध्याय!

उनके बहादुर कृत्यों के लिए उन्हें बहुत प्रशंसा मिली, फिर भी यह एक छुपा हुआ अध्याय है। आज 23 मार्च है। सत्तर साल पहले, 1931...

भारत को चीन के सक्रिय रवैये के मध्य सजीवित होने की आवश्यकता

यह लेख चीन की "विकास के लिए ऋण" की कार्यप्रणाली का विवरण करता है अथवा भारत की अपने पड़ोसी देश से मैत्री स्थापित करने...

दो साल का आखरी मौका: मोदी चाहे तो अब भी बन सकते हैं महानतम...

मोदी के कार्यालय में दो साल से थोड़ा कम समय बचा है लेकिन वे अब भी अद्भुत कार्य कर सकते हैं और इतिहास में...

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